Monday, April 13, 2020

रेगुलर मरीज़ो को हाथ लगाना तो दूर उनकी परछाई लेने से भी कांपते है - शर्मा

पर्ची पर दवाई लिख कर अपनी मोटी फीस वसूल रहे है 
मरीज़ो की माया से इनको कोई डर नहीं लगता
लुधियाना - पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार अमरेंद्र सिंह ने कुछ दिन पहले राज्य के सभी प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम पर जनता को मेडिकल सर्विस देने वाले  अधिकतर डाक्टर कोरोना के  भय से गली मोहल्ले और आस पड़ोस में रहने वाले रेगुलर मरीज़ो को हाथ लगाना तो दूर उनकी परछाई लेने से भी कांपते है।  

बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने  बताया कि कोरोना महामारी के इस वक्त  इन्शान को मेडिकल सुविधा की जरूरत है और जिन लोगो को मौसम बदलने पर आम खांसी बुखार होता है तो ये लोग अपने फैमली डाक्टर से दवाई लेते थे इन दिनों  डाक्टर वाल्कोनी में बैठकर दूर से ही मरीज़ो से बात करते है मरीज़ो को केवल कम्पाउण्डर हेल्पर ही चेक करते है और डाक्टर साहेब दूर से ही पर्ची पर दवाई लिख कर अपनी मोटी फीस वसूल रहे है।  मजे की बात है यह है कि कोरोना से डरने वाले डाक्टर मरीज़ो के नोटों को धड़ाधड़ अपनी जेबो में डाल रहे है  तब मरीज़ो की माया से इनको कोई डर नहीं लगता। 
अनीता शर्मा  ने आगे बताया कि सरकारी डाक्टर दिन रात कोरोना पॉजिटिव मरीज़ो में रहकर उनको बचाने की कोशिश कर रहे है दूसरी तरफ जनता से करोड़ो रुपये इक्क्ठा करके बड़े बड़े हॉस्पिटल और नर्सिंग होम बनाकर ऐश करने वाले डाक्टर देश में कोरोना  महामारी में अपनी जान बचाने के चक्कर  में छुप कर बैठ गए है।  सरकार सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश दे कि जो डाक्टर गली मुहल्लों में अपने मरीज़ो को चेक नहीं कर रहे उनका लाइसेंस रद्द किया जाए और यदि डाक्टरों के पास प्रोटेक्टिव किट नहीं है उन्हें तुरंत मोहल्ले के लोग जो गरीबो को राशन बाँट रहे है पहले डाक्टरों को किट व बढ़िया मास्क खरीदकर दें ताकि कोरोना बिमारी से डरने वाले डाक्टर पहले की तरह ही मोहल्ले के मरीज़ो के पास बैठकर उन्हें अच्छी तरह चेक कर सके।