सतीश चन्द्र धवन राजकीय महाविद्यालय, लुधियाना में शताब्दी समारोह की कड़ी में आज साहिर लुधियानवी के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। आज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका में श्री राजेश बादल, श्री केवल धीर(विशिष्ट अतिथि), श्री ललित बेरी(विशिष्ट-अतिथि) पधारे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. धर्म सिंह संधू ने आज के मुख्य अतिथि , विशिष्ट अतिथि व शहर के गणमान्यजन का स्वागत किया। मुख्य-अतिथि का परिचय कराते हुए डॉ. संधू ने बताया कि श्री राजेश बादल का भारतीय पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है। वे एक साथ फिल्मकार, प्रोड्यूसर, टीवी एंकर, आकाशवाणी उद्घोषक रहे हैं। 43 वर्षों से पत्रकारिता में वे सक्रीय रहे जिसमें 5000 से अधिक आलेख का प्रकाशन हो चुका है, 1000 से अधिक टेलीविजन प्रोग्राम कर चुके हैं, 100 से अधिक डॉक्यूमेंट्री-फ़िल्म का निर्माण कर चुके हैं। देश के प्रमुख समाचार चैनल के प्रमुख संवाददाता व कई चैनल के विशेष संवाददाता के रूप में देश भर में श्री बादल देश भर में लोकप्रिय रहे हैं। राज्य-सभा टीवी के पिछले एक दशक से कार्यकारी संपादक राजेश बादल जी को अमेरिकी सरकार द्वारा इन्हें यात्रा पर आमंत्रित किया गया और इस यात्रा में इन्होंने अमेरिका के कई शहरों का विशेष कवरेज़ किया।
भारत में आये प्राकृतिक आपदा जैसे सुनामी व नेपाल में आये भूकंप की इन्होंने विशेष कवरेज़ की।
विज्ञान पत्रिकारिता में भी इनकी भागीदारी रही है और अब तक
आधे दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। पत्रकारिता के क्षेत्र में इनके योगदान को देखकर भारत सरकार द्वारा
"माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार" व
"महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार" प्रदान किया गया। प्राचार्य ने कहा कि राजेश बादल इस देश की विभूति हैं, जिनका महाविद्यालय के प्रांगण में आना हमारे लिए गर्व का क्षण है।
डॉ. केवल धीर(विशिष्ट अतिथि) का परिचय देते हुए देते हुए डॉ. संधू ने बताया कि डॉ. धीर पिछले पांच दशक से साहिर के साहित्यिक योगदान व उर्दू शायरी के प्रति समर्पित हैं। डॉ. धीर एक प्रतिबद्ध साहित्यकार हैं जिन्होंने लुधियाना में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर का कवि सम्मेलन व मुशायरा करवाया है। डॉ. संधू ने श्री ललित बेरी(विशिष्ट-अतिथि) का स्वागत करते हुए कहा कि समय समय पर महाविद्यालय को इनका योगदान मिलता रहता है। डॉ. संधू ने कहा कि महाविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने की खुशी में इस वर्ष चार-दिवसीय साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो अपने पुराने विद्यार्थी *साहिर लुधियानवी* को समर्पित है। इसी कड़ी में आज श्री राजेश बादल का विस्तार भाषण व साहिर पर केंद्रित फ़िल्म दिखाया गया।
मुख्य अतिथि श्री बादल ने अपने संबोधन में कहा कि आज उनके लिए बड़े हर्ष का विषय है कि साहिर के महाविद्यालय में उन्हें आने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि आज से 10 वर्ष पूर्व वे इस महाविद्यालय परिसर में आ चुके हैं जब वे राज्य सभा टीवी के लिए साहिर के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री-फ़िल्म बना रहे थे। आज उसी फ़िल्म का प्रस्तुति के लिए वे आये हैं। उन्होए कहा कि जब भी जीवन में उन्हें कोई समस्या आती है, वे साहिर को पढ़ते हैं। साहिर का साहित्य हर बार उनमें नई चेतना प्रवाहित करती है। उन्होंने कहा कि 'हम सब के अंदर साहिर बसता है' आवश्यक उसे महसूस करने की है। राजेश बादल के अनुसार *आज जहां देश में मुल्क और मजहब में श्रेष्ठ क्या है, इस प्रश्न में लोग उलझे हुए हैं, साहिर ने मुल्क और मजहब इन दोनों से बड़ा इंसानियत को माना है। इस दृष्टि से साहिर हमें व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।* उन्होंने साहिर की पंक्तियों को उद्धरित करते हुए, साहिर की प्रासंगिकता का बखान किया। इस अवसर पर डॉ. केवल धीर, डॉ. अश्वनी भल्ला ने भी अपने विचार रखे। तदोपरान्त *साहिर के जीवन पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री-फ़िल्म* दिखाई गई। अपने महाविद्यालय के विश्वप्रसिद्ध शायर-गीतकार के जीवन को फ़िल्म के माध्यम से देखकर महाविद्यालय के विद्यार्थी रोमांचित हो उठे। कार्यक्रम के उपरांत विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यहां दाखिला लेते वक्त उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि इस मिट्टी में साहिर जैसा व्यक्तित्व पला है, आज उन्हें इस बात पर गर्व है कि वे साहिर के महाविद्यालय में पढ़ रहे हैं।
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